कतय गेल फिल्मक बाल कलाकार- विनीत उत्पल
(साभार- विदेह-ई-पत्रिका)
कहियो समय रहैत जे बाल कलाकार आओर बाल गीत हिन्दी सिनेमा के देखहि बला लोक कऽ मन मे उतरि जाइत छल। मुदा, आजुक समय मे नहि ते एहन बाल कलाकार अछि आओर नहि ओहन डायरेक्टर अछि जे बच्चा कऽ लऽ कऽ फिल्म बनौलियहथ जे दिल कऽ छू लेथियैथ। 1954 में एकटा फिल्म रिलीज भेल छल 'जागृति"। कहल जाइत अछि जे ई फिल्म पहिलुक फिल्म छल जहि मे बच्चा कऽ लऽ कऽ नीक गीत छल। गीत तऽ कवि प्रदीप लिखलैन छल। 'आओ बच्चो, तुम्हें दिखाएं, झांकी हिन्दुस्तान की" एखनो लोक सभ गाबैत अछि। अहि फिल्मक एकटा गीत आओर अछि जे मोहम्मद रफी गायल छल 'हम लाए हैं तूफान से कश्ती निकाल के...।"
समय बदलैत गेल, कऐक टा गीत लिखल गेल। 'बूट पालिस" में 'नन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुटठी मे क्या है", 'श्री 420" मे 'इचक दाना बिचक दाना",'धूल का फूल" मे 'तू हिन्दु बनेगा न मुसलमान बनेगा", 'गंगा जमुना" मे 'इंसाफ की डगर पे बच्चो दिखाओ चल के", 'सन ऑफ इंडिया" मे 'नन्हा मुन्ना राही हूं', 'ब्राह्मचारी" मे 'चक्के पे चक्का", 'दो कलियां" मे 'बच्चे मन के सच्चे" सभटा गीत बच्चा लोकक खूब नीक लागल। आओर तऽ आओर, फिल्म अराधनाक गीत 'चंदा है तू मेरा सूरज है तू' आय धरि अप्पन सोना बेटा कऽ सुताबैक काल मे गाबैत अछि। जखन खेलाबै लागत तखन आशीर्वाद फिल्मक गीत "रेलगाड़ी, रेलगाड़ी...' गाबैत छल जकरा अशोक कुमार गायलक छल। जखन घर मे मामा आबै छतिन या राति मे आंगन मे सुतल लोरी जना लोग सुनाबैत अछि 'चंदा मामा दूर के.." गीत सुनहि मे खूब नीक लागैत अछि। ओहिनो फिल्म अपना देशक गीत 'रोना कभी नहीं रोना", कालीचरणक गीत 'एक बटा दो", मिस्टर नटवरलालक गीत 'आओ बच्चों मैं तुम्हें कहानी सुनाता हूं", अंधाकानूनक गीत 'रोते-रोते हंसना सीखो" खूब सुनल आओर गायल जाइत अछि। मासूम फिल्मक गीत 'छोटा बच्चा जानकर" कोनो काल मे सभक मुंह में रहैत छल।
हिन्दी फिल्मी दुनिया मे एहनो काल छल जहिया बेबी तबस्सुम, बेबी गायत्री, मास्टर रतन, हनी इरानी, पल्लवी जोशी, नीतू सिंह, मास्टर मयूर के देखहि लेल लोक सिनेमा हॉल जाइत छल। मुदा, अहि गप से इनकार नहि करल जा सकैत अछि जे आब फिल्म मे अलग तरह के स्वादक लेल बाल कलाकारक अभिनय देखल जाइत अछि। कहियो दू टा प्रेमीक मिलाबैक लेल बाल कलाकार के फिल्म मे लेल जाइत छल जे आबक फिल्म मे नहि अछि। क्याकि मोबाइल, इंटरनेट के दुनिया आबि गेल सं नहि कबूतर, तोता अछि आओर नहि कोनो बच्चा, जकरा सं प्रेमपत्र भेजबा मे मजा आबैत छल।
एकटा फिल्म आयल छल 'ब्लैक"। ओकरा में संजय लीला भंसाली बनौलित छल। आयशा कपूर जेना अभिनय करैलक छल जाहि सं खूब फिल्म देखल गेल आैर सर्वश्रेष्ठ फिल्म बनी गेल छल। अमोल गुप्ते के तारीफ करल जाइ सकैत अछि। क्याकि आमिर खान के साथ डिसलेक्सिया से पीड़ित बच्चा पर 'तारे जमीं पर" बनौलियथिन। खूब नीक अभिनय करैक लेल दर्शील सफारी के घर-घर मे लोक चिन्है लागल। अहि मे अमिताभ बच्चन कोना ककरो से पांछा रहैतियैथ। भूतनाथ मे अभिनय कऽ लोकक दिल जीत लेलखिन। अमन सिद्दकी एकरा में बंकूक भूमिका निभैलखिन रहैत छल।
('विदेह' ७० म अंक १५ नवम्बर २०१० (वर्ष ३ मास ३५ अंक ७०)- आलेख विनीत उत्पल- (बाल विशेषांक))
No comments:
Post a Comment